रेपो रेट में 1.25% से 1.50% तक की कटौती संभव, महंगाई घटने पर RBI ले सकता है बड़ा फैसला: SBI रिपोर्ट
2025-05-06 IDOPRESS
RBI Repo Rate Cut: एसबीआई की रिपोर्ट में बताया गया,"मार्च में महंगाई कई वर्षों के न्यूनतम स्तर पर थी और आगे भी महंगाई के कम रहने की उम्मीद है.
नई दिल्ली:
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) लगातार कम होती महंगाई के कारण ब्याज दरों को आक्रामक रूप से कम कर सकता है. इसके साथ ही मौद्रिक नीति के रुख को मार्च 2026 तक 'न्यूट्रल' से हटाकर और नरम किया जा सकता है. सोमवार,5 मई को जारी हुई एसबीआई रिसर्च की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई.
रिपोर्ट में बताया गया कि बेस्ट केस सिनेरियो में अगर महंगाई दर 3 प्रतिशत के नीचे लगातार तीन महीने तक रहती है तो वित्त वर्ष 26 तक रेपो रेट में संचयी तौर पर 1.25 प्रतिशत से लेकर 1.50 प्रतिशत की कटौती (Repo Rate Cut) देखने को मिल सकती है.
मार्च में महंगाई कई वर्षों के न्यूनतम स्तर पर:रिपोर्ट
एसबीआई की रिपोर्ट में बताया गया,"मार्च में महंगाई कई वर्षों के न्यूनतम स्तर पर थी और आगे भी महंगाई के कम रहने की उम्मीद है. हम जून और अगस्त (पहली छमाही) में रेपो रेट में 0.75 प्रतिशत और दूसरी छमाही में 0.50 प्रतिशत की कमी की उम्मीद कर रहे हैं."रिपोर्ट में आगे कहा गया,"मार्च 2026 तक रेपो रेट 5 से 5.25 प्रतिशत तक आ सकता है."रिपोर्ट में बताया गया कि 0.25 प्रतिशत की छोटी कटौती की अपेक्षा 0.50 प्रतिशत की बड़ी कटौती अधिक प्रभावशाली होगी.
रेपो रेट मेंसे 1% तक की कटौती संभव
केंद्रीय बैंक ने फरवरी 2025 में रेपो रेट में कटौती करना शुरू किया था,तब से आरबीआई ब्याज दरों को 0.50 प्रतिशत घटा चुका है.रिपोर्ट के मुताबिक,"आने वाले समय में बैंक जमा दरों में मौजूदा स्तरों से एक प्रतिशत तक की कटौती हो सकती है."2025 तक डॉलर के मुकाबले रुपया 85-87 के दायरे मेंस्थिर
घरेलू महंगाई दर वर्तमान में आरबीआई के टारगेट 2-6 प्रतिशत के दायरे में है,जबकि उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर औसत महंगाई दर 4.7 प्रतिशत है. एसबीआई रिसर्च ने आगे कहा कि उसे उम्मीद है कि 2025 तक डॉलर के मुकाबले रुपया 85-87 के दायरे में स्थिर रह सकता है.रिपोर्ट में बताया गया कि डॉलर पर टैरिफ का घरेलू प्रभाव 2025 में दिखाई देगा,जिससे रुपये को सपोर्ट मिलेगा. इसके अलावा,डीएक्सवाई में गिरावट आने की उम्मीद है,क्योंकि अमेरिकी घरेलू अर्थव्यवस्था टैरिफ प्रभाव को समायोजित करेगी."