नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल,2025 को हुआ खौफनाक आतंकी हमले के बाद पूरे देश में आक्रोश देखने को मिल रहा है. 'मिनी स्विट्जरलैंड' के नाम से मशहूर बैसरन घाटी में पर्यटकों पर हुए इस क्रूर हमले ने न केवल भारत को झकझोर दिया,बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी स्तब्ध कर दिया है. लश्कर-ए-तैयबा के छद्म संगठन 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली,जिसमें 26 लोगों की जान गई,जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे. इस हमले ने भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक नया तनाव पैदा कर दिया है. पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के भड़काऊ बयान,जिसमें उन्होंने कश्मीर को पाकिस्तान की 'जुगुलर वेन' बताया,को इस हमले का प्रेरक माना जा रहा है. भारत ने इस हमले को सीमा पार आतंकवाद का स्पष्ट प्रमाण मानते हुए कड़े कदम उठाए हैं. पूरे देश में गुस्सा और शोक का माहौल है,और सरकार ने पाकिस्तान को करारा जवाब देने की ठान ली है.
केंद्र सरकार ने उठाए कड़े कदम
भारत सरकार ने इस हमले को गंभीरता से लिया. 23 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) की बैठक हुई,जिसमें पांच बड़े फैसले लिए गए. पहला,सिंधु जल समझौता तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया. दूसरा,अटारी-वाघा बॉर्डर को आम आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया. तीसरा,पाकिस्तानी नागरिकों का भारत में वीजा रद्द कर 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया गया. चौथा,पाकिस्तानी उच्चायुक्त को दिल्ली से वापस भेजा गया. पांचवां,भारत ने अपने दूतावास कर्मचारियों को पाकिस्तान से वापस बुलाने का फैसला किया. विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,"हमले में क्रॉस-बॉर्डर टेरर लिंक पाए गए हैं,जो पाकिस्तान की भूमिका की ओर इशारा करते हैं."
पाकिस्तान ने कहा- हमले से हमारा कोई संबंध नहीं
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हमले से किसी भी संबंध से इनकार किया और कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद की निंदा करता है. हालांकि,पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के हालिया बयान,जिसमें उन्होंने कश्मीर को पाकिस्तान की 'जीवन रेखा' बताया था,ने संदेह को और गहरा किया. भारतीय खुफिया एजेंसियां इस बयान को आतंकियों के लिए उकसावे के रूप में देख रही हैं.
घटना के विरोध में सड़क पर उतरा कश्मीर
हमले के बाद पूरे कश्मीर में गुस्सा और शोक का माहौल है. 35 साल में पहली बार कश्मीर पूरी तरह बंद रहा. लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं,पाकिस्तानी झंडे और टायर जलाए गए. पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा,"यह हमला कश्मीरियत और इंसानियत पर हमला है." ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी हमले की निंदा की और अपने विरोध प्रदर्शनों को तीन दिन के लिए स्थगित कर दिया.
पूरी दुनिया ने की हमले की निंदा
अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी हमले की कड़ी निंदा की. अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन कर संवेदना व्यक्त की और आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़े होने का आश्वासन दिया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इसे "चिंताजनक" बताया.
सोशल मीडिया पर लोग जता रहे हैं विरोध
सोशल मीडिया पर भी हमले को लेकर गुस्सा देखा गया. कई भारतीय यूजर्स ने पाकिस्तान को कड़ा जवाब देने की मांग की,जबकि पाकिस्तान में कुछ लोगों ने हमले को भारत की नीतियों से जोड़ा. पाकिस्तानी अखबार 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने लिखा कि 2019 में कश्मीर की विशेष स्थिति खत्म होने के बाद क्षेत्र में तनाव बढ़ा है.
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
भारत ने सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया है. श्रीनगर और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त बल तैनात किए गए हैं. एयरलाइनों ने श्रीनगर के लिए विशेष उड़ानें शुरू कीं और यात्रा सलाह जारी की.
अब तक के 10 प्रमुख घटनाक्रम
आतंकी हमला: 22 अप्रैल,2025 को पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला किया,26 लोग मारे गए.
जिम्मेदारी: 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' ने हमले की जिम्मेदारी ली है.
आतंकियों की पहचान: दो आतंकियों,आदिल गुरी और आसिफ शेख,की पहचान हुई; दो अन्य पाकिस्तानी बताए गए हैं
भारत का जवाब: सीसीएस बैठक में पांच बड़े फैसले लिए गए हैं.जिसमें सिंधु जल समझौता रद्द कर दिया गया है और अटारी-वाघा बॉर्डर बंद शामिल.
पाकिस्तान का इनकार: पाक रक्षा मंत्री ने हमले से संबंध से इनकार किया है. लेकिन जनरल मुनीर का बयान संदेह के घेरे में है.
कश्मीर में प्रदर्शन: कश्मीर में पूर्ण बंद,लोग सड़कों पर; पाकिस्तानी झंडे जलाए गए.
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: अमेरिका ने हमले की निंदा की,भारत को समर्थन का आश्वासन.
सुरक्षा हुई और कड़ी: श्रीनगर और अन्य क्षेत्रों में अतिरिक्त बल तैनात,एनआईए जांच में.
क्रिकेट पर असर: बीसीसीआई ने पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट न खेलने की बात दोहराई.
सोशल मीडिया पर गुस्सा: भारतीय यूजर्स ने कड़ा जवाब मांगा,पाकिस्तानी मीडिया ने भारत की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया.
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