हमास की तरह अटैक किया... पूर्व अमेरिकी अधिकारी ने पहलगाम हमले को लेकर पाकिस्तान को सुना दिया 

2025-04-24 HaiPress

पहलगाम हमले पर अमेरिका के पूर्व अधिकारी ने पाकिस्तान के सेना प्रमुख की आतंकी लादेन से की तुलना

पहलगाम आंतकी हमले को लेकर पूर्व अमेरिकी अधिकारी माइकल रुबिन ने पाकिस्तान पर निशाना साधा है. उन्होंने इस हमले के लिए पाकिस्तान की कड़े शब्दों में निंदा की है. इतना ही नहीं उन्होंने पाकिस्तान सेना के प्रमुख असीम मुनीर की तुलना आतंकी ओसामा बिन लादेन से भी की है. आपको बता दें कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए हैं. इस हमले के बाद भारत सरकार भी एक्शन मोड में दिख रही है.

माइकल रुबिन ने गुरुवार,24 अप्रैल को कहा कि पहलगाम में हुआ हमला दरअसल आतंकवादी संगठन हमास द्वारा इजरायल में 7 अक्टूबर 2023 को किए गए हमले के समान था. हमास के इसी हमले के बाद इजरायल-गाजा युद्ध शुरू हुआ था.

"ठीक यही तब हुआ जब 7 अक्टूबर,2023 को हमास ने इजरायल पर हमला किया. यह विशेष रूप से यहूदियों के खिलाफ किया गया था और न केवल यहूदियों के खिलाफ,बल्कि सबसे उदार यहूदियों में से जो गाजा पट्टी के साथ शांति और सामान्य स्थिति चाहते थे. एक वेकेशन रिसॉर्ट,मिडिल क्लास के हिंदुओं को निशाना बनाना,यह स्पष्ट है कि पाकिस्तानी अब वही रणनीति अपना रहे हैं. हमास की तरह ही पाकिस्तान को सफलता नहीं मिलने वाली. और स्पष्ट रूप से,यह अब भारत का कर्तव्य है कि वह पाकिस्तान के साथ ऐसा करे और पाकिस्तान की ISI के साथ वही करे जो इजराइल ने हमास के साथ किया.”

माइकल रुबिन ने कहा कि मुनीर और बिन लादेन में एकमात्र अंतर यह है कि मुनीर महल में रहता है जबकि लादेन गुफा में रहता था. पहलगाम हमले को लेकर उन्होंने कहा कि अमेरिका को जो एकमात्र प्रतिक्रिया करनी चाहिए,वह है पाकिस्तान को आतंकवाद को प्रायोजित करने वाले देश के रूप में औपचारिक रूप से नामित करना. साथ ही अमेरिका असमी मुनीर को भी आतंकवादी घोषित किया जाना चाहिए.

आपको बता दें कि पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले ( Pahalgam Kashmir Terrorist Attack) के बाद भारत एक्टिव मोड में है. भारत ने बुधवार,23 अप्रैल को घोषणा करके पाकिस्तान के साथ 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया है.संधि के अनुसार,लगभग 33 मिलियन एकड़ फीट (MAF) के औसत वार्षिक प्रवाह के साथ पूर्वी नदियों - सतलुज,ब्यास और रावी का सारा पानी भारत को मिला. जबकि लगभग 135 MAF के औसत वार्षिक प्रवाह के साथ पश्चिमी नदियों - सिंधु,झेलम और चिनाब का पानी बड़े पैमाने पर पाकिस्तान को दिया जाता है.

भारत को घरेलू उपयोग,गैर-उपभोग्य उपयोग,कृषि और जल-विद्युत ऊर्जा उत्पादन के लिए पश्चिमी नदियों के पानी का उपयोग करने की अनुमति है. हालांकि पश्चिमी नदियों से जलविद्युत उत्पन्न करने का अधिकार शर्तों के अधीन है. संरचना की डिजाइन और उसके संचालन पर शर्तों को मानना होता है. समझौते में कहा गया है कि भारत पश्चिमी नदियों पर 3.6 MAF तक भंडारण (स्टोरेज) भी बना सकता है.

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