IAS टॉपर शक्ति दुबे ने कैसे की थी तैयारी, घरवालों का कैसा था सपोर्ट, NDTV से इंटरव्यू में कही दिल की बात

2025-04-23 IDOPRESS

नई दिल्ली:

संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने मंगलवार को सिविल सेवा परीक्षा 2024 के परिणाम घोषित किए. इसमें शक्ति दुबे ने पहला स्थान हासिल किया है. वहीं,हर्षिता गोयल और डोंगरे अर्चित पराग को दूसरा और तीसरा रैंक मिला है. एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में IAS टॉपर शक्ति दुबे ने बताया कि उन्होंने किन तरीकों को अपनाकर ये सफलता हासिल की. शक्ति दुबे ने कहा कि मैंने पुरानी गलतियों से सीखा और उसमें सुधार किया. इस रिजल्ट से घरवाले काफी खुश हैं.

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शक्ति दुबे ने एनडीटीवी से कहा कि जब रिजल्ट आया और मैंने देखा कि सबसे ऊपर ही मेरा नाम है तो थोड़ी देर के लिए तो पहले विश्वास नहीं हुआ. मैंने फिर घर पर फोन किया और ये सुनकर सभी काफी खुश हुए. मुझे भी ये देखकर काफी खुशी हुई.

परीक्षा को लेकर तैयारी के बारे में आईएएस टॉपर ने कहा कि ये मेरा पांचवा प्रयास था और इसमें मैंने पहली रैंक हासिल की. इससे पहले के तीन प्रयासों में मेरा प्रिलिम्स क्लियर नहीं हुआ था. वहीं चौथे अटेम्प्ट में मैं इंटरव्यू तक गई थी. उस वक्त कट ऑफ से सिर्फ 12 नंबर कम था जिस वजह से मेरा नाम लिस्ट में नहीं था.उन्होंने कहा कि इतने प्रयासों के दौरान जो गलतियां थीं,उससे सीखकर मैंने अपने प्रयास जारी रखे. जो भी गलतियां की उससे सीखा,मुझे पांचवे प्रयास के दौरान उन चीजों से मदद मिली और आखिरकार मैंने इस बार पहला रैंक हासिल किया.

आईएएस टॉपर ने पिछले कई प्रयासों में मिली असफलता को लेकर कहा कि हौसला नहीं टूटने देने और इसे बनाए रखने में माता-पिता और भाई-बहनों का काफी योगदान रहा. उन्होंने हमेशा ही मुझसे कहा कि तुम कर सकती हो,थोड़ी बहुत जो कमियां हैं उस पर काम करो. मैंने वहीं किया और आज मुझे ये सफलता मिली है.

वहीं परीक्षा की तैयारी के दौरान कमियों को लेकर उन्होंने कहा कि मेरा कोई फिक्स बुक लिस्ट नहीं था. मैं कई तरह के रिसोर्स से इसकी तैयारी किया करती थी. मुझे लगता है कि ये सबसे बड़ी गलती थी. मैं इस परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं से कहना चाहूंगी कि वो लिमिटेड बुक रिसोर्स रखें. अपनी बुक लिस्ट लिमिटेड रखें. उसको बार-बार रिविजन करें. पुराने पूछे सवालों को भी पढ़ते रहें. ये कुछ चीजें हैं जो ध्यान में रखना चाहिए.असफलता से मायूस होने वाले और खुदकुशी जैसी सोच रखने वाले छात्रों को लेकर आईएएस टॉपर ने कहा कि एक परीक्षा में मिली असफलता से सब कुछ खत्म नहीं होता है. आप खुद में भरोसा बनाए रखें. अपने माता-पिता से बात करें. एक वही होते हैं जो आपको सही रास्ता दिखा सकते हैं.

उन्होंने कहा कि यूपीएससी परीक्षा को लेकर वो पढ़ाई के घंटों पर निर्भर नहीं रहती थी,बल्कि मैंने कुछ चीजें प्लान की हुई थी,उसमें कभी आठ घंटे को कभी 10 घंटे लग जाते थे. मेंस के टाइम में वो बढ़कर 12 घंटे भी हुए हैं. चार चीजें- करेंट अफेयर्स,जीएस,ऑप्शनल और मॉक प्रैक्टिस इन पर ध्यान देने की खास जरूरत है.

शक्ति दुबे ने कहा कि अधिकार मिल जाने के बाद पिछड़े इलाकों खासकर महिलाओं के लिए वो काफी कुछ करना चाहेंगी. देहात और पिछड़े इलाकों में आज भी कई कमियां हैं,जिन्हें वो दूर करना चाहेंगी.पहला रैंक हासिल करने वाली दुबे ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बायोकेमिस्ट्री में स्नातक (विज्ञान स्नातक) किया है.

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