बंगाल में थम नहीं रहा हिंसा का दौर, मुर्शिदाबाद के बाद दक्षिण 24 परगना सुलगा, तोड़फोड़ और आगजनी

2025-04-15 HaiPress

बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में तोड़फोड़ और आगजनी देखने को मिली है.

कोलकाता:

वक्‍फ संशोधन को लेकर पश्चिम बंगाल में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. हिंसा की एक नई घटना ने बंगाल को हिलाकर रख दिया है. मुर्शिदाबाद के बाद इस बार हिंसा की घटना दक्षिण 24 परगना जिले में देखने को मिली. जहां पर एक संगठन के समर्थकों की पुलिस के साथ झड़प हो गई. संगठन के समर्थकों ने इलाके में जमकर तोड़फोड़ की और वाहनों को आग के हवाले कर दिया. इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं. हिंसा की घटना के बाद मौके पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है.

घटनास्‍थल से सामने आए वीडियो में हिंसा का यह मंजर देखा जा सकता है. वीडियो में कुछ लोगों को पुलिस की मोटरसाइकिलों को आग लगाते और एक पुलिस बस को पलटते देखा जा सकता है. साथ ही बड़ी संख्‍या में पुलिसकर्मी भी नजर आते हैं.

इस तरह से भड़की हिंसा

समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार,हिंसा उस वक्‍त भड़की जब इंडियन सेक्‍युलर फ्रंट के समर्थकों की भांगर इलाके में पुलिस के साथ झड़प हो गई. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. झड़प के दौरान कई लोग घायल हो गए.

बैरिकेड्स तोड़ने का किया प्रयास

आईएसएफ समर्थक कथित तौर पर मध्य कोलकाता के रामलीला मैदान की ओर बढ़ रहे थे. इस रैली को पार्टी के विधायक नौशाद सिद्दीकी द्वारा संबोधित किया जाना था.पुलिस ने कहा कि रैली के लिए कोई अनुमति नहीं दी गई थी,बावजूद इसके रैली का आयोजन किया गया और इस दौरान सिद्दीकी ने नए कानून को "मुसलमानों और संविधान पर हमला" बताया.

पुलिस सूत्रों के अनुसार,रैली करने वालों को भोजरहाट के पास रोका गया,जहां भांगर के साथ-साथ पड़ोसी इलाकों जैसे मीनाखान और संदेशखाली से बड़ी संख्या में आईएसएफ के कार्यकर्ता एकत्र हुए थे. भीड़ ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़ने का प्रयास किया और तनाव बढ़ गया. इसके बाद दोनों पक्षों के बीच झड़प हो गई.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने कुछ पुलिस वाहनों में आग लगा दी और प्रदर्शनकारियों द्वारा पुलिस पर हमला किया गया. इस दौरान कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए.

प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया. इस दौरान कम से कम एक आईएसएफ कार्यकर्ता के सिर में चोट लग गई. इससे हालात और बिगड़ गए और आईएसएफ कार्यकर्ता हाईवे पर धरना देने लगे,जिससे हाईवे पर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया.

स्थिति को नियंत्रित करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया. साथ ही आसपास के इलाकों में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया. बाद में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया गया.

झड़पों में पुलिसकर्मी भी घायल

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की है कि इन झड़पों में कुछ पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया,जिनमें से कम से कम एक शख्‍स घायल भी हुआ है.

इस बीच आईएसएफ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस दावे की ओर इशारा किया कि उनकी सरकार नए वक्फ कानूनों को लागू नहीं करेगी और पूछा कि फिर उसका विरोध क्यों रोक दिया गया.

मुर्शिदाबाद में 3 की हुई थी मौत

यह घटना पिछले सप्ताह मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में हिंसा के बाद हुई है,जिसमें तीन लोग मारे गए,रेलवे ट्रैक अवरुद्ध कर दिए गए. साथ ही आगजनी और तोड़फोड़ की गई.

मुर्शिदाबाद हिंसा का उल्लेख आज सुप्रीम कोर्ट में किया गया. एक याचिकाकर्ता ने हिंसक झड़पों की केंद्रीय एजेंसी द्वारा न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग की है.

पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऐसे में भाजपा ने बंगाल सरकार से मांग की है कि वह बताए कि कानून-व्यवस्था की स्थिति कैसे और क्यों विफल हो गई.

संसद ने वक्फ संशोधनों को मंजूरी दी

वक्फ संशोधन विधेयक को इस महीने संसद ने अपनी मंजूरी दे दी थी. इस दौरान सत्तारूढ़ भाजपा और तृणमूल सहित विपक्ष के बीच 30 से अधिक घंटों की तीखी बहस देखने को मिली थी.

मुसलमानों और विपक्ष द्वारा उठाई गई कई चिंताओं को केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री रिजिजू ने संसद में विधेयक पेश करते समय खारिज कर दिया था और जोर देकर कहा था कि गैर-मुस्लिम वक्फ बोर्ड के मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकते,क्योंकि इसका प्रबंधन,निर्माण और लाभार्थी मुस्लिम समुदाय से ही रहेंगे.


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