महाकुंभ: काम में इतना मजा आ रहा है, नींद तक नहीं आती, मिले वॉल पेंटिंग करने वाली इस छात्रा से
2025-01-03 HaiPress
दीपशिखा ने बनाई कई सुंदर वॉल पेंटिंग
प्रयागराज:
महाकुंभ में प्रयागराज और कुंभ नगरी के धार्मिक महत्व को दिखाने में वॉल पेंटिंग्स की बड़ी भूमिका होती है. प्रयागराज की सड़कों पर सैकड़ों छात्र-छात्राएं आजकल वॉल पेंटिंग बना रहे हैं,ऐसी ही एक छात्रा दीपशिखा हमें मिली,जो महाकुंभ को लेकर बेहद उत्साहित हैं. दीपशिखा कहती है कि पहले वो देर तक सोती थी. लेकिन जबसे महाकुंभ में पेंटिंग बनाने का काम मिला,तबसे इतना मज़ा आ रहा कि सुबह जल्दी उठती है,क्योंकि पेंटिंग बनाने की जल्दी रहती है.
शहर संवारने का मौका मिल रहा
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की फाइन आर्ट्स की छात्रा दीपशिखा अपनी लंबाई से दो से ढाई गुना बड़ी पेंटिंग बना रही है. एक पेंटिंग बनाने में एक से डेढ़ दिन का समय मिलता है. उन्होंने कहा कि इस ज़िम्मेदारी से एक तरफ़ उन्हें अपना शहर संवारने का मौक़ा मिल रहा है,तो वहीं दूसरी तरफ़ पेंटिंग का काम भी समझने में मदद मिल रही.महाकुंभ को लेकर दीपशिखा उत्साहित हैं. उन्होंने कहा कि अगर लोग महाकुंभ आएंगे और उसकी पेंटिंग के साथ सेल्फी लेंगे तो उसकी पेंटिंग दुनिया भर में देखी जा सकती है,वो इसी बात को सोचकर खुश है.
13 जनवरी से शुरू हो रहा महाकुंभ
संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ-2025 की तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रहीं हैं. 13 जनवरी से शुरू होने जा रहे महाकुंभ में महज गिनती के कुछ दिन बचे हैं,हर 12 साल में एक विशेष स्थान पर आयोजित होने वाले महाकुंभ में लाखों-करोड़ों साधु-संत और श्रद्धालु पवित्र नदियों में स्नान करते हैं. मान्यता के अनुसार,कुंभ मेले में स्नान करने से सभी पापों का नाश हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
डिस्क्लेमर: यह लेख अन्य मीडिया से पुन: पेश किया गया है। रिप्रिंट करने का उद्देश्य अधिक जानकारी देना है। इसका मतलब यह नहीं है कि यह वेबसाइट अपने विचारों से सहमत है और इसकी प्रामाणिकता के लिए जिम्मेदार है, और कोई कानूनी जिम्मेदारी वहन नहीं करती है। इस साइट पर सभी संसाधन इंटरनेट पर एकत्र किए गए हैं। साझा करने का उद्देश्य केवल सभी के सीखने और संदर्भ के लिए है। यदि कॉपीराइट या बौद्धिक संपदा उल्लंघन है, तो कृपया हमें एक संदेश छोड़ दें।