आप इस सदन के लायक नहीं हैं.. जब राज्य सभा में उपराष्ट्रपति के अपमान पर उखड़ गए किरेन रिजिजू

2024-12-11 HaiPress

'आप लोग इस सदन के सदस्य होने के लायक नहीं हैं. आप अगर चेयर को इज्जत नहीं दे सकते हैं,तो इस सदन का सदस्य होने का अधिकार नहीं है आपको...'राज्यसभा में बुधवार को केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सभापति जगदीप धनखड़ की घेरेबंदी में जुटे विपक्ष पर उखड़ गए. उन्होंने विपक्षी सांसदों पर सभापति के अपमान आरोप लगाया. रिजिजू ने कहा कि वह नाम लेकर कह सकते हैं कि विपक्षी सांसद टीवी चैनलों और बाहर जाकर उप-राष्ट्रपति का नाम लेकर उनके बारे में बेमतलब की बातें करते हैं. उन्होंने कहा कि यह सीधे तौर पर अध्यक्ष के आसन का अपमान है. ऐसे सदस्यों को सदन में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. रिजिजू यहीं नहीं रुके और सोनिया गांधी और सोरोस के कनेक्शन का जिक्र भी किया. संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि यह बात वह खुद से नहीं कह रहे. अंतरराष्ट्रीय मीडिया में इस तरह की रिपोर्टें छपी हैं. जिस समय रिजिजू यह कह रहे थे,उस वक्त सोनिया गांधी सदन में ही मौजूद थीं.

जानिए किरेन रिजिजू ने क्या क्या कहा

भारत के लोकतंत्र में 72 साल बाद एक किसान का बेटा उपराष्ट्रपति पद पर पहुंचकर देश की सेवा कर रहा है. राज्य सभा के सभापति के रूप में पूरे देश ने देखा है कि कैसे उपराष्ट्रपति महोदय ने सदन की गरिमा को रखा है. हम शुरू से देख रहे हैं विपक्ष के लोग न लोकतंत्र को मानते हैं न ही आसन की गरिमा का ध्यान रखते हैं. मैं नाम लेकर कह सकता हूं कि टेलिविजन पर और बाहर जाकर,आप लोग उपराष्ट्रपति का नाम लेकर बेमतलब के आरोप लगाते हैं. आप लोग इस सदन के सदस्य होने के लायक नहीं है. आप अगर चेयर को इज्जत नहीं दे सकते हैं तो इस सदन का सदस्य होने का अधिकार नहीं है आपको.

राज्य सभा में संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू

संसद में आज क्या कुछ हुआ

राज्य सभा में किरेन रिजिजू जगदीप धनखड़ के अपमान को लेकर विपक्ष पर उखड़ेविपक्ष के हंगामें के बीच पहले राज्य सभा 12 बजे तक स्थगित हुईइसके बाद कार्यवाही शुरू होने पर फिर हंगामा हुआदोबारा कार्यवाही में हुए हंगामे के बाद सदन कल के लिए स्थगितलोकसभा में भी आज सरकार और विपक्ष में गतिरोध देखने को मिलाहंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगितसंसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि हमें जगदीप धनखड़ पर गर्व है,हम कांग्रेस की साजिश कामयाब नहीं होने देंगे. इसके बाद सदन में जोरदार हंगामा होने लगा.जिसके चलते राज्यसभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित की गई. इससे पहलेमंगलवार को विपक्ष राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था. इंडिया गठबंधन के करीब 60 सांसदों के हस्ताक्षर वाला यह नोटिस राज्यसभा के जनरल सेक्रटरी को सौंपा गया था.

आज सोनिया गांधी जी और सोरोस के लिंक का नाम आ रहा है. हमने यह लिंक नहीं किया है. यह रिपोर्ट हमारा नहीं है. अंतरराष्ट्रीय जगत में,पूरी दुनिया में यह रिपोर्ट है. शर्म आना चाहिए आप लोगों को. देश के विरोध में काम करने वालों के साथ आप लोग तालमेल में रहते हैं. जो सोरोस बोलते हैं,आप लोग भी वही भाषा बोलते हैं.

विपक्ष मुझे बोलने नहीं दे रहा है: निशिकांत दुबे

बीजेपीसांसद निशिकांत दुबे ने आज लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले कहा,"विपक्ष मुझे बोलने नहीं दे रहा है. यह चौथा दिन है जब शून्यकाल बर्बाद हुआ है,वे मेरी आवाज़ दबा रहे हैं. मैंने विपक्ष को इतना नीचे गिरते हुए कभी नहीं देखा..." विपक्ष द्वारा गुलाब बांटे जाने पर वे कहते हैं,"क्या यह नाटक नहीं है जो वे यहां कर रहे हैं? ये बचकाना तरीका है. राजीव गांधी और सोनिया गांधी भी विपक्ष के नेता रहे हैं,लेकिन क्या उन्हें कभी इस तरह के वीडियो बनाते देखा गया? ये बच्चे हैं..."

राज्य सभा में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का गुणा गणित क्या है,जानिए

संसद में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध

संसद में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध जारी है. इस सबके बीच विपक्ष जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है. इस प्रस्ताव को विपक्षी दलों ने राज्यसभा के सेक्रेटरी जनरल को सौंपा था. इस पर भारतीय जनता पार्टी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस ने सोरोस फाउंडेशन के इशारे पर एक के बाद एक संवैधानिक संस्थाओं पर सुनियोजित हमला करना शुरू किया है. उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा,"राज्य सभा में उपराष्ट्रपति के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के पीछे मुख्य कारण इंडिया गठबंधन में चल रही प्रतिस्पर्धा है. जहां एक पार्टी दूसरे से मुद्दे छीनने की कोशिश कर रही है. यह प्रतिस्पर्धा खासकर कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी के प्रति अविश्वास के रूप में प्रकट हुई है. इसे छिपाने के लिए कांग्रेस का यह प्रयास है,जिसमें जाने-अनजाने में इंडिया गठबंधन के दल शामिल हो रहे हैं. यह तो तात्कालिक कारण था,लेकिन यदि दीर्घकालिक दृष्टि से देखें तो यह एक लंबी प्रक्रिया का हिस्सा है.

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