मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल में मिडिल क्लास को बड़ी राहत, टैक्स का बोझ घटा

2024-11-14 HaiPress

मोदी सरकार में Income Tax रिटर्न दाखिल करने वाले 50 लाख रुपये से अधिक की वार्षिक आय वाले व्यक्तियों की संख्या बढ़ी है.

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi)के नेतृत्व वाली सरकार के 10 साल के कार्यकाल के दौरान मध्यम वर्ग यानी 20 लाख रुपये सालाना से कम आय वाले व्यक्तियों पर टैक्स (Income Tax) का बोझ घटा है. वहीं दूसरी तरफ 50 लाख रुपये से ऊपर की सालाना आय वाले लोगों द्वारा भुगतान किए जाने वाले टैक्स में अच्छी-खासी वृद्धि हुई है. सूत्रों ने बुधवार को यह कहा है.

दाखिल किये गये इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) के आंकड़ों के अनुसार,50 लाख रुपये से अधिक की वार्षिक आय दिखाने वाले व्यक्तियों की संख्या 2023-24 में बढ़कर 9.39 लाख से अधिक हो गयी जो 2013-14 में 1.85 लाख थी. साथ ही,50 लाख रुपये से अधिक कमाने वालों की इनकम टैक्स देनदारी 3.2 गुना बढ़कर 2024 में 9.62 लाख करोड़ रुपये हो गई है,जो 2014 में 2.52 लाख करोड़ रुपये थी.

मध्यम वर्ग पर टैक्स का बोझ हुआकम

सूत्र ने कहा कि आयकर का 76 प्रतिशत हिस्सा सालाना 50 लाख रुपये से अधिक कमाने वालों से आता है. कुल मिलाकर इससे मध्यम वर्ग पर टैक्स का बोझ कम हुआ है.

आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले 50 लाख रुपये से अधिक की वार्षिक आय वाले व्यक्तियों की संख्या बढ़ी है. इसका कारण ‘मोदी सरकार की टैक्स चोरी रोकने और काले धन पर लगाम लगाने के लिए संबंधित अधिनियमों को कड़ाई से लागू करना है.'

मोदी सरकार में 7 लाख रुपये तक की आय वाले को टैक्स से राहत

सूत्र ने कहा कि 2014 में,दो लाख रुपये सालाना से अधिक कमाने वाले व्यक्तियों को इनकम टैक्स (Income Tax) देना पड़ता था. हालांकि,मोदी सरकार (Modi Government) में घोषित विभिन्न छूटों और कटौतियों के कारण अब सात लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों को कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है.

जानें 2023-24 में कितनी घटी आयकर देनदारी

दस लाख रुपये से कम आय वाले टैक्सपेयर्स से इनकम टैक्स कलेक्शन का प्रतिशत घटकर 2024 में 6.22 प्रतिशत पर आ गया जो 2014 में 10.17 प्रतिशत था. सूत्र के अनुसार,2.5 से सात लाख रुपये के बीच कमाने वालों की आयकर देनदारी 2023-24 में औसतन 43,000 रुपये थी. यह उनकी आय का लगभग चार-पांच प्रतिशत है. यह उभरती अर्थव्यवस्थाओं में सबसे कम है.

आधिकारिक गणना के अनुसार,10 साल की अवधि में मुद्रास्फीति को समायोजित करने के बाद,10 से 20 लाख रुपये की आय वालों के लिए कर देनदारी में लगभग 60 प्रतिशत की कमी आई है. इसके साथ व्यक्तिगत स्तर पर दाखिल किये गये आयकर रिटर्न (Income Tax Return) की संख्या 121 प्रतिशत बढ़कर 2023-24 में 7.97 करोड़ हो गई है,जो 2013-14 में 3.60 करोड़ थी.


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