"आप टाइगर थे और हैं...",चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने की अटकलों के बीच जीतन राम मांझी का आया बड़ा बयान
केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने की चंपई सोरेन की तारीफ
नई दिल्ली:
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल होने की अटकलें जोरों पर हैं. कहा जा रहा है कि चंपई सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) का साथ छोड़ किसी भी दिन बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. चंपई सोरेन ने भी बीजेपी में शामिल होने के संकेत दिए हैं,लेकिन वो ऐसा कबतक करने वाले हैं इसे लेकर कुछ भी खुलकर नहीं कहा है. इन सब के बीच अब एनडीए के सहयोगी पार्टी के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने चंपई की तारीफ कर काफी हद तक ये साफ कर दिया है कि चंपई सोरेन के बीजेपी में शामिल होने की बात में कुछ तो दम है.
चंपाई दा आप टाईगर थें,टाईगर हैं और टाईगर ही रहेंगें।
NDA परिवार में आपका स्वागत है।
जोहार टाईगर…@ChampaiSoren
— Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) August 18,2024
जीतम राम मांझी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट साझा किया. इस पोस्ट में उन्होंने चंपई सोरेन की तारीफ करते हुए लिखा कि चंपई दा आप टाइगर थें,टाइगर हैं और टाइगर ही रहेंगे. NDA परिवार में आपका स्वागत है. जोहार टाइगर.
जोहार साथियों,
आज समाचार देखने के बाद,आप सभी के मन में कई सवाल उमड़ रहे होंगे। आखिर ऐसा क्या हुआ,जिसने कोल्हान के एक छोटे से गांव में रहने वाले एक गरीब किसान के बेटे को इस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया।
अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत में औद्योगिक घरानों के खिलाफ मजदूरों की आवाज…
— Champai Soren (@ChampaiSoren) August 18,2024आपको बता दें कि झारखंड में राजनीति उथल-पुथल के बीच पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा ( जेएमएम) में रहते हुए अपनी मौजूदा स्थिति पर खुलकर बात की थी. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर जेएमएम (JMM) नेतृत्व पर कई सवाल खड़े किए हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि आगामी झारखंड विधानसभा चुनावों तक मेरे लिए सभी विकल्प खुले हुए हैं. एक्स पर लिखे गए एक लंबे पोस्ट में चंपई ने जेएमएम के आलाकमान पर हमला बोला है.
उन्होंने आगे लिखा कि पिछले चार दशकों के अपने बेदाग राजनैतिक सफर में,मैं पहली बार,भीतर से टूट गया. समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूं. दो दिन तक,चुपचाप बैठ कर आत्म-मंथन करता रहा,पूरे घटनाक्रम में अपनी गलती तलाशता रहा. सत्ता का लोभ रत्ती भर भी नहीं था,लेकिन आत्म-सम्मान पर लगी इस चोट को मैं किसे दिखाता? अपनों द्वारा दिए गए दर्द को कहां जाहिर करता?